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PM Modi: जमैका के विकास में भारत है विश्वसनीय साथी

भारत और जमैका के रिश्तों में एक नई मजबूती आई है जब PM Modi ने मंगलवार को जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत जमैका के विकास यात्रा का एक भरोसेमंद साथी रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इस कैरिबियाई देश के साथ डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, बायोफ्यूल, नवाचार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार है।

भारत-जमैका द्विपक्षीय वार्ता का महत्त्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस के बीच हुई यह बैठक दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी गहरा बनाने के लिए महत्वपूर्ण रही। द्विपक्षीय वार्ता के बाद आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत और जमैका दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि सभी तनाव और विवादों का समाधान संवाद के माध्यम से किया जाना चाहिए। इसके अलावा, दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित सभी वैश्विक संस्थानों में सुधारों की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की।

जमैका मार्ग की घोषणा

भारत-जमैका संबंधों में एक और विशेष पहल तब हुई जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा की कि नई दिल्ली में जमैका उच्चायोग के सामने वाली सड़क का नाम ‘जमैका मार्ग’ रखा जाएगा। यह कदम दोनों देशों के बीच आपसी समझ और संबंधों को और भी सुदृढ़ करने का प्रतीक है।

पीएम मोदी ने कहा कि खेल दोनों देशों के संबंधों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और भारत तथा जमैका दोनों ही क्रिकेट प्रेमी देश हैं। खेल के प्रति यह प्रेम न केवल दोनों देशों के खिलाड़ियों को एक-दूसरे के करीब लाता है, बल्कि जनता के बीच भी आपसी सामंजस्य को मजबूत करता है।

महात्मा गांधी को दी श्रद्धांजलि

द्विपक्षीय वार्ता से पहले, जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस ने राजघाट का दौरा किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही उन्होंने वहां एक चंपा का पौधा भी रोपा, जो भारत-जमैका संबंधों की बढ़ती गहराई और समझ का प्रतीक है। इस यात्रा के दौरान होल्नेस ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से भी मुलाकात की। यह बैठक ‘नो बीजेपी’ पहल के तहत आयोजित की गई थी, जिससे दोनों देशों के राजनीतिक और कूटनीतिक संबंधों में नई मजबूती आई।

PM Modi: जमैका के विकास में भारत है विश्वसनीय साथी

वाराणसी यात्रा का कार्यक्रम

जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होल्नेस की यह भारत यात्रा उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच संबंधों को और गहरा करने का एक और महत्वपूर्ण कदम है। बुधवार को वे वाराणसी का दौरा करेंगे, जहां वे सारनाथ की यात्रा करेंगे और गंगा आरती में भी शामिल होंगे। यह यात्रा भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के प्रति उनकी गहरी दिलचस्पी को दर्शाती है।

भारत की साझेदारी और वैश्विक मंच पर सहयोग

जमैका के साथ भारत का संबंध केवल आर्थिक और व्यापारिक ही नहीं है, बल्कि इसमें सांस्कृतिक और सामाजिक तत्व भी जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान यह भी कहा कि भारत और जमैका की साझेदारी वैश्विक मंच पर भी और मजबूत हो सकती है। दोनों देशों ने यह सहमति व्यक्त की है कि विश्व के सभी प्रमुख संस्थानों में सुधार आवश्यक हैं ताकि उनकी प्रासंगिकता और प्रभावशीलता बरकरार रह सके। विशेष रूप से, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात की गई, जहां भारत एक स्थायी सदस्यता के लिए लंबे समय से प्रयासरत है।

जमैका के प्रधानमंत्री की राष्ट्रपति से मुलाकात

प्रधानमंत्री होल्नेस ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की और विभिन्न स्तरों पर साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। राष्ट्रपति मुर्मू ने होल्नेस का स्वागत करते हुए कहा कि जमैका भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। जमैका की बड़ी भारतीय प्रवासी आबादी और दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंध इस बैठक का मुख्य विषय रहे।

भारत-जमैका संबंधों में भविष्य की संभावनाएँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत जमैका के साथ अपने संबंधों को और गहरा करने के लिए तैयार है। चाहे वह डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हो, बायोफ्यूल, नवाचार, स्वास्थ्य, या फिर अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र, भारत जमैका को अपनी विशेषज्ञता साझा करने के लिए तत्पर है। इस संबंध में, भारत की “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना को भी जमैका ने सराहा है।

भारत-जमैका संबंध केवल द्विपक्षीय व्यापार या राजनयिक संबंधों तक सीमित नहीं हैं। यह संबंध वैश्विक मंच पर भी एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं, जहां दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रों में वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए मिलकर काम कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत-जमैका की यह साझेदारी सिर्फ आज के लिए नहीं, बल्कि आने वाले दशकों तक दोनों देशों के हितों की पूर्ति करेगी।

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